जानिये क्या है अग्न्याशय कैंसर जिसने देश से छीन लिया पर्रिकर जैसा नेता
गोवा के मुख्यमंत्री मनोहर पर्रिकर नहीं रहे। पिछले दो साल से गंभीर बीमारी से जूझ रहे पर्रिकर ने 17 मार्च को आखिरी सांस ली। वैसे तो उनकी बीमारी को लेकर आधिकारिक रूप से कभी जानकारी सामने नहीं आई मगर उनसे मिलने-जुलने वाले लोगों के हवाले से ही ये तथ्य सामने आया कि पर्रिकर पैंक्रियाज के कैंसर से ग्रस्त थे।
इस बीमारी ने इतनी तेजी से पर्रिकर की हालत खराब की कि 2017 तक जो नेता पूरे देश की रक्षा व्यवस्था की जिम्मेदारी अपने मजबूत कंधों पर उठाए हुआ था वो चंद महीनों में ही अस्पताल और डॉक्टरों का मोहताज हो गया।
तो आखिर क्या है पैंक्रियाज के कैंसर की बीमारी? पैंक्रियाज को हिंदी में अग्न्याशय कहते हैं, ये पाचन तंत्र का मुख्य अंग और छोटी आंत का पहला भाग होता है। अग्न्याशय 6 से 10 इंच लंबी ग्रंथि होती है जो अमाशय के पीछे पेट में पाई जाती है।
अग्न्याशय के काम
- अग्न्याशय खाना पचाने में मदद करने वाले हार्मोन और एंजाइम को छोड़ता है।
- अग्न्याशय इंसुलिन, ग्लुकागोन व सोमाटोस्टाटिन हार्मोन बनाने वाला शरीर का सबसे अहम हिस्सा है, जो शरीर के सारे सिस्टम को बेहतर रखने का काम करता है।
- अग्न्याशय बहुत से पाचक एंजाइम्स का भंडार भी है। इसमें ऐसे पाचक होते हैं जो कार्बोहाइड्रेट, प्रोटीन व वसा को तोड़ते हैं।
- अग्न्याशय ठीक से काम न करे तो कई बीमारियां हो सकती हैं जिसमें अग्न्याशय कैंसर, गैस, मधुमेह, अग्न्याशय शोथ भी शामिल हैं।
- कैंसर होना पैंक्रियाज के लिए सबसे खतरनाक स्थिति मानी जाती है।
- अग्न्याशय मुख्य रूप से दो काम करता है। खाने को ऊर्जा के रूप में बदलता है ताकि कोशिकाएं उसका इस्तेमाल कर सकें। यह ब्लड शुगर को नियंत्रित करने के लिए इन्सुलिन का निर्माण करता है।
अग्नाशय कैंसर क्या है?
अग्न्याशय कैंसर होने का सटीक कारण अब तक साफ नहीं है। माना जाता है कि धूम्रपान और ज्यादा मात्रा में शराब लेने से इसका खतरा बढ़ता है मगर ये भी स्थापित कारण नहीं हैं।
अग्न्याशय कैंसर के स्टेज
स्टेज 0: इस स्टेज पर कैंसर अग्न्याशय कोशिकाओं की ऊपरी परतों तक होता है। ये इमेज टेस्ट में दिखाई नहीं देता।
स्टेज 1: इस स्टेज तक कैंसर, अग्न्याशय कोशिकाओं से 2 सेंटीमीटर आगे बढ़ता है। इसे स्टेज 1A कहा जाता है। जब यह 4 सेंटीमीटर फैलता है तो इसे स्टेज 1B कहा जाता है।
स्टेज 2: इस चरण में कैंसर अग्न्याशय से बाहर की ओर फैलने लगता है।
स्टेज 3: इस स्टेज तक पहुंचने के बाद कैंसर तेजी से फैलता है। कैंसर ट्यूमर ब्लड वेसल्स और नर्व्स तक फैल चुका होता है.
स्टेज 4: इस स्टेज पर कैंसर अग्न्याशयी अंगों में अंदर तक भी फैल चुका होता है।
शरीर के बाकी अंगों को प्रभावित करता है अग्न्याशय कैंसर?
अग्न्याशय कैंसर में, पेनक्रियाज़ के अंदर कैंसर की कोशिकाएं तेजी से बनने और फैलने लगती हैं। स्टेज 4 को एडवांस स्टेज भी कहते हैं, यहां तक पहुंचने के बाद कैंसर अग्न्याशय के आस-पास के अंगों तक फैल जाता है। तब ये लिम्प नोड्स और अग्न्याशय टिश्यू को चपेट में लेता है।
शरीर के बाकी अंगों पर प्रभाव की बात करें तो वो इस बात पर निर्भर करता है कि ट्यूमर कहां है और कैसे फैला है। ये भी मायने रखता है कि ट्यूमर कितना बढ़ चुका है। अगर ट्यूमर लिवर में बनने वाले बाइल के फ्लो को ब्लॉक करता है तो पीलिया भी हो सकता है। अगर ट्यूमर पाचन तंत्र के अंगों को ब्लॉक करता है तो उससे उल्टी आना, जी मिचलाना और पाचन से जुड़ी दिक्कतें पेश आने लगती हैं।
लक्षण
त्वचा और आंखों में पीलापन
मूत्र में गाढ़ापन
पीलिया (jaundice)
कमजोरी महसूस करना
पेट में तेज दर्द होना
पेट पर सूजन आना
जी मिचलाना
पीला या भूरा मल आना
मल में अतिरिक्त वसा होना
जांच और इलाज
इसके लक्षण अत्यधिक बढ़ जाने पर दिखते हैं। इसका इलाज सर्जरी, कीमोथेरेपी, विकिरण के आधार पर होता है। पैंक्रियाज टेस्ट में पैंक्रियाज के अंदर मौजूद द्रव की जांच की जाती है, जिसमें पैंक्रियाज की स्थितियों व लक्षणों को देखा जाता है। बायोप्सी की जरूरत भी पड़ सकती है। इसमें पैंक्रियाज के टिश्यू का एक छोटा टुकड़ा परीक्षण के लिए भेजा जाता है।
पेनक्रियाज़ को हेल्दी रखने के लिए सावधानियां-
अग्याशय को स्वस्थ बनाए रखने के लिए शरीर में पानी की पर्याप्त मात्रा बनाए रखना जरूरी। इसके लिए हर दिन कम से कम दो लीटर पानी पीना जरूर है।
अग्नाशयी दर्द से आराम के लिए अंगूर का रस, सेब और करोंदा में से एक आहार 1 से 2 दिनों तक लें।
शराब से परहेज करें।
एक दिन में 20 ग्राम से ज्यादा वसा लेने से बचें।
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